Sunday 11 January 2015

rang

आज समाज में कुछ ऐसे विषय हैं जिनपर बोलना लोगों को बहुत जल्दी अकर्षित करता है और उनका जमीर और आत्मा इस पर बात करने और वादविवाद करने की इज़ाज़त नहीं देता | क्या हैं ये विषये और इनका हमारी ज़िंदगी मे इतना महत्व और प्रभाव कैसे और क्यों है क्या ये विषये इतने महत्वपूर्ण हैं कि और ज़िंदगी के विषय इनके सामने फीके पड जातें हैं अगर ऐसा सही मे है तो जरूरी है कि इस पर अधिक से अधिक चर्चा की  जाये ताकी हम और हमारा समाज इनको ज्यादा और अच्छे रूप मे समझ सके और साथ हि साथ बिना किसी हिचक और विवाद के इन्हे सही ढंग से अपना सके | तभी कई माइनो मे हमारा जीवन सुंदर और सुरक्षित हो पायेगा और हम चीज़ों को सही माएने मे अलग नजारिये से देख सकेंगे | ये विषये बहुत महत्वपूर्ण है  जोकि इस प्रकार हैं 
प्यार
धर्म
सेक्स(जेंडर as गर्ल/बॉयज़ ,समाज मे लड़के और लड़की मे भेद  ,सरकार और समाज के द्वारा लड़के और लड़कियों को अलग अलग अधिकार कुछ उनके अनुकूल कुछ समाज के अनुकूल ,सामाजिक विचार धारा और  कुछ सरकार की सहूलियत के अनुसार और कानून के नियम पर आधारित ,लव और धोखा और समाजिक स्वीकृति ,आकर्षण और प्रभाव ,समाजिक दिखावा मानसिक दिखावा और इगो ,सही उम्र ,सही साथी ,सही समझ और सही समय का अनुमान  और साथ हि साथ लोगों के प्रति और लोगों की इसके प्रति सही प्रतिक्रिया बहुत महत्वपूर्ण है )
लोकतंत्र एवं संविधान (कोई भी देश हो उसके कुछ नियम कायदे होते हैं जॉ वहाँ रहने वाले देश वशियों के अनुकूल और उनकी जरूरतों के अनुसार होते हैं जिसका मकसद सम्पूर्ण प्रणाली को सूचारू रूप से सबके हितों को साथ मे लेते हुए चलाना होता है जो सबके लिये सही है उसको गलत होते हुए भी सही का दर्ज़ा देना इसकी परिपक्वता का प्रतीक है लेकिन ये भी ध्यान मे रखा जता है की सभी समान हैं और सभी को समान अधिकार पाने का हक है जिसके लिये समय -समय पर कानून मे बदलाव जरूरी है जो केवाल व्यक्ति विशेष के हित मे ना होकर बल्की सम्पूर्ण समाज़ के हित मे हो)
कलर्स यानी रंग : रंगों का भी हमारी जिंदगी और दुनिया मे बहुत महत्व है रंग और चिन्ह प्रतीक हैं हमारी बातों के और भरोसे का ,रंग दर्पण है जो किसी मकसद के फलस्वरूप अलग अलग जगह और स्थानो पर अलग अलग रूप मे प्रयोग किये जाते हैं जब वो देश के झंडे मे होते हैं तो देश की नीव एवं उपलब्धियों के प्रतीक होते हैं जब वो ट्रेफिक लाइट मे या किसी रोशनी के रूप मे होते हैं तो किसी मार्ग मे दिशा निर्देशन के सूचक होते हैं जब वो फूलों मे होते हैं तो उनकी पहचान बनते हैं और उनकी सुंदरता के प्रतीक होते हैं जब वो वस्त्रों मे होते हैं तो वो पहनावा और प्रतिष्ठा के सूचक एवं व्यक्तिविशेष के व्यक्तित्व की पहचान बनते हैं दुनिया को रंगों मे रंगना एक प्राकृतिक हैं |
 कागज मे रंगों का महत्व तो जितना बेहतर एक चित्रकार बता सकता है उतना और कोई नही ,हम और आप तो मात्र कल्पना ही कर सकते हैं वो तो रंगों से ज़िंदीगियों को काग़ज़ मे उतारता  है
भाव भंगिमाओं को काग़ज़ मे उतारता है प्रेम और दर्द को वो कागज मे ढलता है वैसे तो हर रंग का एक अलग मतलब और महत्व होता है जो उसके उपयोग ,जगह और वातावरण पर निर्भर करता है कि कौन कहाँ और किस जगह किस मकसद के लिए क्या समझने के लिए उसका उपयोग कर रहा है जैसे पानी जिस बर्तन मे होता है उसका आकर ले लेता है वैसे रंग जिस तरह जिंदगी से और हम और आप से जुड़ा होता है ये उस  रूप मे ढल जाता है जिस जगह उसका उपयोग जिस सूचक के रूप मे किया जाता है वो उस रूप मे ढल जाता है और उसकी पहचान बनता है
लाल रंग जब वो शरीर से  बाहर आता है तो खून ,बलिदान और हिंसा का प्रतीक बनता है,जब उससे दिल के रूप मे दर्शाया जाता है तो वो प्यार,स्नेह ,भरोसे ,विश्वास और दर्द का प्रतीक बनता है ,जब वो पुष्प  मे होता है तो उसकी सुंदरता ,आकर्षण,सुगंध,प्रेम,उसके महत्व का सूचक और उसके प्रयोग और उसके नाम और धर्म मे उसकी जगह और साथ ही साथ उसकी पहचान बनता है उसका आकर उसका रूप उसका चटकीला या गहरा रंग किसी भी फल या फूल की पहचान होता है और साथ ही साथ ये सतर्कता भी देता है कि किसी का रंग रूप उसके स्वाभाव का प्रतीक है दुनिया और लोगों को उसके हिसाब से सावधानी बरतनी चाहिए, ज़रूरी नही किसी के रंग रूप के अनुसार उसकी पहचान का अनुमान हमेशा सही हो लेकिन उसके व्यवहार से सतर्क रहना समझदारी का प्रतीक है कि कौन कब अपने ही रंग मे दूसरों को ढाल लेता है जैसे ज़्यादा सुंदर और चटकीला रंग पुष्प और फलों के ज़्यादा ज़हरीले होने का प्रतीक है वैसे ही संसार की सुन्दर! चीज़ें समाज के ज़हर से बचने के लिए थोड़े कोम्प्लिकेटेड  हो जाती  हैं क्यूँ आकर्षक वस्तुओं पर हर किसी की नज़र जाती है लेकिन उसके प्रभाव से रूबरू  होकर ज़ालिम दुनिया अपनी दिशा बदल लेती है और उसकी सुंदरता का बचाव होता है यही प्रकृति का दस्तूर है कि वो अपनी सुंदरता को बरकरार रखती है और अपनी बनाई हर चीज़ को कुछ न कुछ अलग ज़रूर देती है जो उसकी दूसरों से अलग पहचान देती है और साथ ही साथ उसको खुदकी दूसरों से सुरक्षा और आत्मनिर्भरता की ताक़त दी.
लाल और केसरिया रंग जो हमारे देश के झंडे मे है वो बलिदान और हिंदुत्व का प्रतीक है केसरिया और भगवा ये रंग और पहनावा समान दिखने वाले और समानता के सुचक हैं जैसे साधु ,सन्यासी ,राष्ट्रिय स्वयं सेवक संघ इंन सब का पहनावा खादी ,केसरिया या फिर पीला वस्त्र है जो सूर्य जैसे तेज और सौर्य को, महात्मा और महापुरषों के बलिदान से पैदा शक्ति के प्रभाव को ,जितेंद्रा की आँखों के तेज को और आम इंसान की बुनियाद और उसके महत्व को और उसके देश मे उसका क्या महत्व है और देश के प्रति उसका क्या कर्तव्य है और दुनिया मे उसके और उसके देश के वज़ूद का कारण बनता है, यह रंग|
हरा रंग शांति का ,हरियाली का,चैन का ,कृषि  और किसान से संबंधित हर लोगो का सुचक है
यही रंग जब एक साथ होते हैं तो एकता का प्रतीक बनते हैं और अलग अलग पहचान और पथ प्रदर्शित करते है अलग अलग महत्व/मकसद को जन्म देते हैं और अलग अलग कार्य  का कारण बनते हैं जब मैं इंद्रधनुष के सात रंग देखता हूँ तो सोचता हूँ की क्या कारण हो सकता है इनका ,क्या प्रतीक हो सकता है इनका, कभी सोचता हूँ की ये सतरंगी रंग अपने महत्व के अनुसार पंक्तियो मे लगे हैं ,या कभी ये कि ये अंकों का भ्रम मात्र हैं जो सिर्फ़ श्वेत  रंग का अपवर्तन और परावर्तन मात्र है ,कभी लगता है कि बरसात का प्रतीक है तो कभी सुंदरता का ,कभी लगता है की मौसम साफ होने का सूचक है तो कभी कुद्रत का करिश्मा तो कभी रंगों का मेल लगता है तो कभी इंसानी सोच की इंसान किसी भी चीज़ को किसी भी बात को कितना महत्व दे देता है| ये सिर्फ़ थोड़ी देर का नज़ारा मात्र है जिसकी उत्पत्ति करना और जिसका गायब और समाप्त होना दोनो ही इंसान के बस मे नही है जो केवल कुद्रत के वजूद को दर्शाता है जब बरसात का मौसम होता है खूब पानी बरसता है फिर मौसम साफ होता है इंद्रधनुष निकलता है हल्का हल्का पानी ,हल्की और थोड़ी धूप, जिसके साथ इंद्रधनुष का नज़ारा मौसम को सुहाना कर देता है ये छोटा सा थोड़ा सा नज़ारा मन को शांत कर सारे तनावों को हल्का कर देता है

जब एक रंग दूसरे रंग मे मिलता है तो दोनों का वज़ूद मिलकर एक नया वज़ूद बनता है फिर वापस उनको एक दोसरे से अलग करना मुश्किल  हो जाता है उनकी पुरानी पहचान और दोनों का अलग अलग अस्तित्व सब कुछ आपस मे मिलकर एक नवीन जीवन या नये अस्तित्व मे बदल जाता है जब तक उसका वजूद  जिंदा रहता है तब तक मिलन की पहचान रहती है मिलन जितना गहरा होता है वज़ूद भी उतना निखर कर आता है फिर उन्हे एक दूसरे से अलग नही किया जा सकता है कभीनही  जब ढेर सारे रंगों को आपस मे एक निश्चित अनुपात मे मिलाया जाता है तो एक नया रंग  बनता है जो उन सभी के मिश्रण  नयी पहचान को जन्म देता है और जब सभी रंगों को मिलाकर एक कागज मे उतरा जाता है तो कागज को एक नयी पहचान मिलती है जब रंगों के अलग अलग अनुपात से अलग अलग रूप से कागज पर कुछ लिखा और चित्रित किया जाता है तो कागज अलग अलग रंगों से रंगीन होकर अलग अलग पहचान को जन्म देता है और निजीव  मे जीवन की किरण के साथ कुछ बोलता सा नज़र आता है कुछ कहता सा कुछ समझाता  हुआ कुछ बात करता हुआ प्रतीत होता है