लोग बहुत मिलते हैं
रास्ते भी बदलते हैं
हम पहले भी चलते थे
हम आज भी चलते हैं।
Sunday, 7 January 2018
Saturday, 6 January 2018
Kadr
Kuch iss kadar kaha hai maine
Achha lage to kadr kijiyega
Raste par pada koi patthar
Musafir samajh kar rakh lijiyega
Rahi baat iss kadr ki jo
Shabd hai par amal jarur kijiyega
Nibhana ho jab kuch kabhi kahin
Rishton ki dor me isse bandh dijiyega
Monday, 18 September 2017
Sunday, 5 February 2017
कुछ पल
कट गयी जिंदगी खुशियों के इस मैखाने में।
कुछ पल तुझे हँसाने में दो पल याद कराने में।
बीत गया हर लम्हां यूँ जाने - अनजाने में।
दो पल तुझे हँसाने में फिर उस पल की याद दिलाने में।
जी कर भी जिया जाये कैसे सीखा हमने तुम्हीं से यह।
अँधेरा हो या अकेलापन दूर हो कैसे , सीखा हमने तुम्ही से यह।
तुम हो तो सब है वरना यह जिंदगी भी छोटी नजर आती है।
जिक्र होता है तेरा और दिल से मेरे आवाज़ आती है।
Wednesday, 30 November 2016
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