kooch
Monday, 18 September 2017
अश्क़
अश्क़ में घुल गया जो गम नहीं एक गुल था वो।
बह रहा था टिप टिप करके सूख गया गिरके मुझमें वो।।
Newer Posts
Older Posts
Home
Subscribe to:
Posts (Atom)